* व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा हमे किसी भाषा का शुद्ध बोलना, लिखना एवं समझना आता है। *

मुख्यतः चार विभाग हैं-

(1) वर्ण-विचार

(2) शब्द-विचार

(3) पद-विचार

(4) वाक्य विचार

(1) वर्ण विचार या अक्षर:- भाषा की उस छोटी ध्वनि (इकाई) को वर्ण कहते है जिसके टुकड़े नही किये सकते है। जैसे- अ, ब, म, क, ल, प आदि।

(2) शब्द-विचार:- वर्णो के उस मेल को शब्द कहते है जिसका कुछ अर्थ होता है। जैसे- कमल, राकेश, भोजन, पानी, कानपूर आदि।

(3) पद-विचार:- इसमें पद-भेद, पद-रूपान्तर तथा उनके प्रयोग आदि पर विचार किया जाता है।

(4) वाक्य-विचार:- अनेक शब्दों को मिलाकर वाक्य बनता है। ये शब्द मिलकर किसी अर्थ का ज्ञान कराते है। जैसे- सब घूमने जाते है। राजू सिनेमा देखता है।

Note: इनमें वाक्य व उसके अंग, पदबंध तथा विराम चिह्न आदि पर विचार किया जाता है।