29 Created on January 13, 2022 By iiitinstituteClass 12th Physics Lesson 2 1 / 701. यदि समरूप विधुत क्षेत्र Z-अक्ष के अनुरूप हो तो समविभव होगा : (A) XY-तल (B) XZ-तल (C) YZ-तल (D) कहीं भी 2 / 702. प्रत्येक r त्रिज्या तथा qआवेश से आवेशित आठ छोटे बूंदों को मिलाकर एक बड़ा बूंद बनाया जाता है तो बड़े बूंद की स्थितिज ऊर्जा प्रत्येक छोटे बूंद की तुलना में – (A) 32 गुना होता है (B) 16 गुना होता है । (C) 8 गुना होता है (D) 4 गुना होता है। 3 / 703. एक समांतर प्लेट संधारित्र में परावैधुतांक 6 वाला परावैधुत भरना है। प्लेटों के बीच की दूरी कितनी गुनी कर देने पर धारिता पूर्ववत् बनी रहेगी ? (A) 6 गुनी (B) 1/6 गुनी (C) कोई परिवर्तन नहीं (D) इनमें से कोई नहीं 4 / 704. एक गोलीय चालक आविष्ट किया जाता है। इसके केन्द्र पर वैधुत क्षेत्र की तीव्रताहोगी (A) अनंत (B) शून्य (C) सतह के बराबर (D) इनमें से कोई नहीं 5 / 705. समानान्तर प्लेट संधारित्र के प्लेटों के बीच परावैधुत पदार्थ डालने पर संधारित्र की धारिता – (A) बढती है (B) घटती है (C) अपरिवर्तित रहती है (D) कुछ कहा नहीं जा सकता 6 / 706. एक एकाकी चालक के लिए निम्न में से कौन अनुपात अचर होता है ? (A) कुल आवेश / विभव (B) दिया गया आवेश / विभवान्तर (C) (कुल आवेश)2 (D) इनमें से कोई नहीं 7 / 707. वैधुत क्षेत्र में किसी द्विध्रुव को घुमाने में किया गया कार्य होता है – (A) W = ME (1 – cos0) (B) W = ME tan0 (C) W = ME sec0 (D) इनमें से कोई नहीं 8 / 708. यदि समरूप विधुत क्षेत्र x-अक्ष की दिशा में विद्यमान है, तो सम-विभव होगा – (A) XY-तल की दिशा में (B) XZ-तल की दिशा में (Cy YZ-तल की दिशा में (D) कहीं भी 9 / 709. 5 सेमी० त्रिज्या का एक धातु का खोखला गोला इस प्रकार आवेशित किया गया है कि इसके पृष्ठ पर विभव 10 volt गोले के केन्द्र पर विभव है – (A) शून्य (B) 10 volt (C) वही जो 5 सेमी० दूर (D) इनमें से कोई नहीं , 10 / 7010. 5μF धारिता वाले संधारित्र को 20 kV तक आवेशित करने में आवश्यक ऊर्जा का मान है – (A) 1 kJ (B) 10 kJ (C) 100 kJ (D) 5 kJ 11 / 7011. यदि दो आवेशों की दूरी बढ़ा दी जाये तो आवेशों के विधुतीय स्थितिज ऊर्जा का मान – (A) बढ़ जाएगा (B) घट जाएगा (C) अपरिवर्तित रहेगा (D) बढ़ भी सकता है घट भी सकता है 12 / 7012. किसी संधारित्र की धारिता व्युत्क्रमानुपाती होती है (A) प्लेट का क्षेत्रफल (B) प्लेटों के बीच माध्यम की परावैधुतता (C) प्लेटों के बीच की दूरी (D) इनमें से कोई नहीं 13 / 7013. प्रभावी धारिता 5μF को प्राप्त करने के लिए सिर्फ 2 μF के कम-से-कम कितने संधारित्र की आवश्यकता होगी ? (A) 4 (B) 3 (C) 5 (D) 6 14 / 7014. किसी विभवमापी की संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए – (A) इसका अनुप्रस्थ क्षेत्रफल बढ़ाना चाहिए (B) इसकी धारा को घटाना चाहिए (C) इसकी धारा को बढ़ाना चाहिए (D) इनमें से कोई नहीं 15 / 7015. अलग-अलग त्रिज्याओं के दो गोलों पर समान आवेश दिये जाते हैं तो विभव होगा (A) छोटे गोले पर ज्यादा होगा (B) बड़े गोले पर ज्यादा होगा (C) दोनों गोलों पर समान होगा (D) गोलों के पदार्थ के प्रकृति पर निर्भर करता है 16 / 7016. त्रिज्या 1 cm के दो चालक गोले 1m से वियुक्त हैं। दोनों पर समान आवेश 1mC दिया गया है। एक गोले का विभव v० है। अनंत पर विभव शून्य है। दूरी से सम्पर्क में लाने में किया गया कार्य – (A) ऋणात्मक (B) धनात्मक (C) शून्य (D) इनमें से कोई नहीं 17 / 7017. एक समविभवी तल के एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में आवेश पर क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य होगा – (A) धनात्मक (B) ऋणात्मक (C) शून्य (D) इनमें से कोई भी 18 / 7018. X-अक्ष पर x = 0 पर q तथा x = a पर 2q आवेश रखे हैं। विभव ν का मान शून्य होगा – (A) 0 < x < a (B) x > a (C) x < 0 (D) x ∞ पर 19 / 7019. किसी बिन्दु P से r दूरी पर आवेश Q रखा गया है।P पर विभव V है। Pसे दुरी पर पूर्व आवेश से अलग अतिरिक्त आवेश -Q रखा जाता है।P पर विभव हो जाएगा – (A) शून्य (B) 2V० (C) V०/2 (D) 3V० 20 / 7020. किसी बिन्दु P से दूरी पर आवेश Q रखा गया है।P पर विभव V० है।P से r दूरी पर पूर्व आवेश से अलग अतिरिक्त आवेश Q रखा जाता है। P पर विभव होगा। (A) शून्य (B) 2V० (C) V०/2 (D) 3V० 21 / 7021. किसी बिन्दु P से r दूरी पर आवेश Q रखा गया है।P पर विभव v० है। P से r/2 दूरी पर एक आवेश –Q रखा जाता है। P पर विभव होगा (A) शून्य (B) 2V० (C) V०/2 (D) -V० 22 / 7022. दो धनावेशों (q) को एक-दूसरे से ‘a’ दूरी पर लाने में 2mJ कार्य करना पड़ता है। आवेशों q एवं -q को एक-दूसरे से दूरी पर लाने में कार्य होगा – (A) 2 mJ (B) -2 mJ (C) शून्य (D) इनमें से कोई नहीं 23 / 7023. दो धनावेशों (a) को एक-दूसरे से ‘a’ दूरी पर लाने में 2mJ कार्य करना पड़ता है। तीन आवेशों q,-q एवं q को भुजा a की समबाहु त्रिभुज पर लाया गया कार्य होगा – (A) शून्य (B) –2mJ (C) 4mJ (D) अन्य 24 / 7024. एक चालक खोखले गोले के केन्द्र पर आवेश Q है। चालक पर नेट आवेश शून्य है। चालक की भीतरी सतह पर आवेश होगा (A) शून्य (B) Q (C) -Q (D) 3Q 25 / 7025. एक चालक खोखले गोले के केन्द्र पर आवेश Q है। चालक पर नेट आवेश शुन्य है। चालक की बाहरी सतह पर आवेश होगा (A) शून्य (B) Q (C) -Q (D) 3Q 26 / 7026. एक चालक खोखले गोले के केन्द्र पर आवेश Q है। चालक पर नेट आवेश शून्य है। चालक की केन्द्र से क्षेत्र रेखाएँ – (A) त्रैज्य चलकर चालक पर समाप्त होंगी (B) त्रैज्य चलेगी, चालक में शून्य होंगी एवं बाहर त्रैज्य चलेंगी (C) त्रैज्य एवं हर जगह अशून्य होगी (D) केवल चालक के अंदर होगी 27 / 7027. त्रिज्या 1cm के दो चालक गोले 1m से वियुक्त हैं। दोनों पर समान आवेश 1mc दिया गया है। एक गोले का विभव v० है। अनंत पर विभव शून्य है। दूसरे गोले का विभव होगा – (A) V० (B) 2V० (C) -V० (D) 0 28 / 7028. त्रिज्या 1cm के दो चालक गोले 1m से वियुक्त हैं। दोनों पर समान आवेश 1 mc दिया गया है। एक गोले का विभव v० है। अनंत पर विभव शून्य है। अब दोनों गोलों को सम्पर्क में लाया जाता है। सम्पर्क में स्थित गोलों के लिए – (A) विभव v० होगा (B) दोनों गोलों पर आवेश समान होगा (C) आकर्षण का बल लगेगा (D) इनमें से कोई नहीं 29 / 7029. यदि एक प्रोटॉन को एक दूसरे प्रोटॉन के नजदीक लाया जाता है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा- (A) बढ़ेगी (B) घटेगी (C) अपरिवर्तित रहेगी (D) इनमें से कोई नहीं 30 / 7030. यदि 1000 बूंदें (समान आकार) एवं जिनमें प्रत्येक की धारिता 5μF, मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती है तो बड़ी बूंद की धारिता होगी – (A) 50 μF (B) 100 μF (C) 20 μF (D) इनमें से कोई नहीं 31 / 7031 64 समरूप बूंदें जिनमें प्रत्येक की धारिता 5 μF है मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती हैं। बड़े बूंद की धारिता क्या होगी ? (A) 4 μF (B) 25 μF (C) 20 μF (D) 164 μF 32 / 7032. इलेक्ट्रॉन-वोल्ट (eV) द्वारा मापा जाता है (A) आवेश (B) विभवांतर (C) धारा (D) ऊर्जा 33 / 7033. 2 कलम्ब आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में 20 जूल कार्य की आवश्यकता होती है। इन दोनों बिन्दुओं के बीच वोल्ट में विभवान्तर है – (A) 10 (B) 20 (C) 5 (D) 2 34 / 7034. यदि किसी खोखले गोलीय चालक को धन आवेशित किया जाए, तो उसके भीतर का विभव – (A) शून्य होगा (B) धनात्मक और समरूप होगा (C) धनात्मक और असमरूप होगा (D) ऋणात्मक और समरूप होगा। 35 / 7035. तीन संधारित्र जिनमें प्रत्येक की धारिता C है श्रेणी क्रम में जोड़े गए हैं परिणामी धारिता का मान होगा – (A) 3C (B) 3/C (C) C/3 (D) 1/3C 36 / 7036. एक वियुक्त (isolated) गोले की धारिता n गुना बढ़ जाती है जब इसे एक भूधृत संकेन्द्रीय गोले से घेर दिया जाता है। उन गोलों की त्रिज्याओं का अनुपात होगा (A) n / n- 1 (B) 2n / n + 1 (C) n2 + 1 / n + 1 (D) n2 / n – 1 37 / 7037. प्रत्येक r त्रिज्या तथा q आवेश से आवेशित पारे की आठ बूंदें मिलाकर एक बड़ा बूंद बनाते हैं तो बड़े बूंद की धारिता प्रत्येक छोटे बूँद की धारिताओं के – (A) 8 गुना होगा (B) 2 गुना होगा (C) 1/2 गुना होगा (D) 4 गुना होगा 38 / 7038. यदि इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान m तथा उस पर आवेश e लिया जाय और यदि यह विरामावस्था से V वोल्ट विभवांतर होकर गुजरे तो इसकी ऊर्जा होगी – (A) me V जूल (B) eV / m जूल (C) eV जूल (D) इनमें से कोई नहीं 39 / 7039. यदि दो सुचालक गोले अलग-अलग आवेशित करने के बाद परस्पर जोर जायें तो – (A) दोनों गोलों की ऊर्जा संरक्षित रहेगी (B) दोनों का आवेश संरक्षित रहता है। (C) ऊर्जा एवं आवेश दोनों संरक्षित रहेंगे (D) इनमें से कोई नहीं 40 / 7040. किसी द्विध्रुव को एक समरूप विधुतीय क्षेत्र में रखा गया तो उस पर परिणामी विधुतीय बल होगा – (A) हमेशा शून्य (B) कभी शून्य नहीं (C) द्विध्रुव की क्षमता पर निर्भर करता (D) इनमें से कोई नहीं 41 / 7041. चन्द्रमा की धारिता लगभग होती है (A) 177μF (B) 711μF (C) 1422μF (D) इनमें से कोई नहीं 42 / 7042. किसी चालक की विधुत् धारिता का व्यंजक है – (A) C = Q / V (B) C = V / Q (C) C = QV (D) C = Q2 /V 43 / 7043. किसी संधारित्र की धारिता का मात्रक होता है – (A) वोल्ट (V) (B) न्यूटन (N) (C) फैराड (F) (D) ऐम्पियर (A) 44 / 7044. वायु में गोलीय चालक की धारिता समानुपाती होती है – (A) गोले के द्रव्यमान के (B) गोले की त्रिज्या के (C) गोले के आयतन के (D) गोले के सतह के क्षेत्रफल के 45 / 7045. किसी संधारित्र पर आवेश की स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक है – (A) E = 1 / 2 CV2 (B) E = 1 / 2 QV2 (C) F = CV (D) F = C2V2 46 / 7046. दो चालकों के बीच आवेश वितरण से (A) ऊर्जा का ह्रास होता है (B) ऊर्जा की वृद्धि होती है, (C) ऊर्जा का मान नियत रहता है (D) इनमें से कोई नहीं 47 / 7047. जब समांतर पट्टिका वायु संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच की दूरी बढ़ती जाती है तब इसकी धारिता – (A) बढ़ती जाती है (B) घटती है (C) में कोई परिवर्तन नहीं होता (D) शून्य हो जाता है 48 / 7048. यदि एक शीशे की छड़ (अर्थात् उच्च परावैधुत नियतांक की एक माध्यम) को हवा-संधारित्र के बीच रखा जाए तो इसकी धारिता – (A) बढ़ेगी (B) घटेगी (C) स्थिर रहेगी (D) शून्य होगी 49 / 7049. संधारित्रों के श्रेणीक्रम संयोजन में जो राशि प्रत्येक संधारित्र के लिए समान रहती है, वह है – (A) आवेश (B) उर्जा (C) विभवांतर (D) धारिता 50 / 7050. संधारित्रों के समांतर संयोजन में जो राशि प्रत्येक संधारित्र के लिए समान रहती है, वह है – (A) आवेश (B) ऊर्जा (C) विभवांतर (D) धारिता 51 / 7051. समान धारिता के n संधारित्रों को पहले समानांतर क्रम और फिर श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है। दोनों अवस्थाओं की तुल्य धारिताओं का अनुपात है- (A) n (B) n3 (C) n2 (D) 1 / n2 52 / 7052. तीन संधारित्र, जिनमें से प्रत्येक की धारिता C है, समानांतर क्रम में जुड़े हैं। उनकी समतुल्य धारिता होगी – (A) 3 / C (B) 3 C (C) 1 / 2 C (D) C / 3 53 / 7053. समान धारिता के तीन संधारित्रों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर तुल्य 6μF धारिता होती है। यदि उन्हें समांतर क्रम में जोड़ा जाए तब तुल्य धारिता होगा – (A) 18 μF (B) 2 μF (C) 54 μF (D) 3 μF 54 / 7054. 6 μF धारिता के तीन संधारित्रों को समांतर क्रम में जोड़ने पर तुल्य 0.5 μF धारिता होती है। यदि उन्हें समांतर क्रम में जोड़ा जाए तब तुल्य धारिता होगा – (A) 16 μF (B) 10 μF (C) 0.4 μF (D) 12 μF 55 / 7055. 2 μF तथा 4 μF के दो संधारित्र श्रेणीबद्ध हैं तथा इनके चरम सिरों पर 1200 का विभवांतर आरोपित किया जाता है। 2 μF वाले संधारित्र पर विभवांतर है – (A) 400 V (B) 600 V (C) 800 V (D) 900 v 56 / 7056. 50 μF धारितावाला एक संधारित्र 10V विभव तक आविष्ट किया जाता और ऊर्जा है। (A) 2.5 x 10-3J (B) 2.5 x 10-4J (C) 5 x 10-2J (D) 1.2 x 10-5J 57 / 7057. 10 μFधारिता वाले संधारित्र 5 वोल्ट तक आवेशित किया जाएं, तो उस पर आवेश होगा – (A) 50 C (B) 50 x 10-6 C (C) 5 x 10-6 C (D) 2 C 58 / 7058. दो संधारित्र जिनकी धारिताएँ,C1 तथा C2 हैं समांतर क्रम में जुड़े हैं। उनकी समतुल्य धारिता होगी। (A) C1 – C2 (B) C2–C1 (C) C1 x C2 / C1 + C2 (D) C1 + C2 59 / 7059. चार संधारित्रों में प्रत्येक की धारिता 2μF है। एक 8μF का संधारित्र बनाने के लिए उन्हें जोड़ना होगा – (A) श्रेणीक्रम में (B) समानांतर क्रम में (C) कुछ श्रेणी में, कुछ समानांतर क्रम में (D) इनमें से कोई नहीं 60 / 7060. किसी भूयोजित चालक को विधुत्रोधित आवेशित चालक के निकट ले जाने पर बाद वाले चालक की विधुत्धारिता का मान – (A) घटता है (B) बढ़ता है (C) अपरिवर्तित रहता है (D) शून्य हो जाता है 61 / 7061. किसी विधुतीय क्षेत्र में चालक को रखने पर उसके अन्दर विधुतीय क्षेत्र का मान – (A) घट जाता है (B) बढ़ जाता है (C) शून्य होता है (D) अपरिवर्तित रहता है 62 / 7062. यदि E० बाह्य विधुतीय क्षेत्र तथा परावैधुत् का प्रभावी विधुतीय E हो तब परावैधुत् नियतांक का मान होगा – (A) E / E० (B) E.E० (C) E० / E (D) E + E० 63 / 7063. वान डी ग्राफ जनित्र एक मशीन है, जो उत्पन्न करता है – (A) एन०सी० शक्ति (B) उच्च आवृत्ति की धाराएँ (C) कई लाख वोल्ट का विभवांतर (D) केवल अल्प धारा। 64 / 7064. दो संधारित्र, जिसमें प्रत्येक की धारिता C है, श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। उनको तुल्य धारिता है – (A) 2C (B) C (C) C / 2 (D) 1 / 2C 65 / 7065. यदि कई संधारित्र उपलब्ध हों, तो उनके समूहन से उच्चतम धारिता प्राप्त करने के लिए उन्हें जोड़ना चाहिए – (A) श्रेणी क्रम में (B) समान्तर क्रम में (C) मिश्रित क्रम में (D) इनमें से कोई नहीं 66 / 7066. एक समानान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच अभ्रक की एक पतली प्लेट रख देने पर उसकी धारिता – (A) बढ़ती है (B) सरती है (C) समान रहती है (D) इनमें से कोई नहीं 67 / 7067. 1μF धारिता के दो संधारित्र समान्तर क्रम में जुड़े हैं और इनके श्रेणीक्रम 0.5μF में का एक तीसरा संधारित्र जुड़ा है तो परिणामी धारिता होगी – (A) 16 μF (B) 10 F (C) 0.4 μF (D) 12 μF 68 / 7068. किसी वस्तु का परावैधुत् स्थिरांक हमेशा अधिक होता है – (A) शून्य से (B) 0.5 से (C) 1 से (D) 2 से 69 / 7069. गोलीय संधारित्र की धारिता 1 μF है। यदि गोले के बीच की रिक्तियाँ 1 मिमी० है तो बाहरी गोले की त्रिज्या होगी – (A) 0.30 मी० सेमी० (C) 6 मीटर (D) 3 मीटर 70 / 7070. प्रत्येक r त्रिज्या तथा q आवेश से आवेशित आठ छोटे बूंदों को मिलाकर एक बड़ा बूंद बनाया जाता है तो बड़े बूंद के विभव तथा छोटे बूंद के विभव का अनुपात है – (A) 8:1 (B) 4:1 (C) 2:1 (D) 1:8 Your score isThe average score is 39% LinkedIn Facebook VKontakte 0% Restart quiz