Class 7th Social Science Lesson 6 संचार माध्यम का समझना | Civics सामाजिक विज्ञान और राजनीतिक | Bihar Board Subjective Question and answer New Book New Syllabus 2025 book ke anusar sabhi samajik ke prashn utar | SCERT pdf downloads
1. प्रजातंत्र में संचार माध्यम किस प्रकार
महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?
उत्तर: प्रजातंत्र में संचार माध्यमों की भूमिका:
संचार माध्यम हमें बताते
हैं कि सरकार कैसे काम कर रही है।
ये सरकार की नीतियों पर
सवाल उठाते हैं और गलतियों को दिखाते हैं। संचार माध्यम तय करते हैं कि किन मुद्दों पर लोगों का ध्यान
जाना चाहिए। ये देश और दुनिया की खबरें, समस्याएँ और घटनाओं के बारे
में लोगों को जानकारी देते हैं।
संचार माध्यम लोगों के
विचारों को प्रभावित करते हैं और उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक बनाते
हैं। ये लोगों को एक–दूसरे से जोड़ते हैं और
समाज में संवाद बढ़ाते हैं।
2. क्या आप इस
रेखाचित्र को एक शीर्षक दे सकते हैं? इस रेखाचित्र से आप संचार माध्यम और
बड़े व्यापार के परस्पर संबंध के बारे में क्या समझ पा रहे हैं?

उत्तर: शीर्षक: “संचार माध्यम और बड़े
व्यापार का गठजोड़”
संचार माध्यम और बड़े
व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बीच संबंध:
ज्यादातर टीवी चैनल और
अखबार बड़ी कंपनियों द्वारा चलाए जाते हैं क्योंकि इन्हें चलाने के लिए बहुत पैसा
चाहिए।
संचार माध्यम पैसा कमाने के
लिए विज्ञापन दिखाते हैं। वे कारें, चॉकलेट, कपड़े, मोबाइल फोन जैसी चीजों के
विज्ञापन दिखाकर पैसा कमाते हैं।
बड़े व्यापारी संचार
माध्यमों में पैसा लगाते हैं और बदले में वे चाहते हैं कि उनके उत्पादों और
विचारों को अच्छे से दिखाया जाए। इस रिश्ते की वजह से कभी–कभी संचार माध्यम पूरी सच्चाई नहीं दिखा पाते, क्योंकि वे अपने मालिकों या
विज्ञापनदाताओं को नाराज नहीं करना चाहते।
3. आप पढ़ चुके हैं
कि संचार माध्यम किस प्रकार एजेंडा बनाते हैं। इनका प्रजातंत्र में क्या प्रभाव
पड़ता है? अपने विचारों के पक्ष में दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर: संचार माध्यम एजेंडा बनाकर
प्रजातंत्र को इस प्रकार प्रभावित करते हैं:
(i) संचार माध्यम तय करते हैं
कि किन खबरों को महत्व दिया जाए। वे जिस खबर को बड़ा बनाते हैं, लोग उसी पर ज्यादा ध्यान
देते हैं। इससे लोगों की सोच और चुनाव प्रभावित होते हैं।
उदाहरण 1: एक बार मुंबई में फैशन वीक
के दौरान डिजाइनरों ने नए कपड़े दिखाए। इसे सभी अखबारों के पहले पन्ने पर जगह
मिली। लेकिन उसी हफ्ते मुंबई में कई झुग्गियां तोड़ी गईं, जिससे कई गरीब लोग बेघर हो
गए। इस खबर को कहीं भी महत्व नहीं दिया गया। यह दिखाता है कि संचार माध्यम अपनी
पसंद से तय करते हैं कि कौन सी खबर जरूरी है।
उदाहरण 2: जब किसी नेता का जन्मदिन
होता है, तो कई टीवी चैनल पूरा दिन
उसकी तारीफ करते रहते हैं। वे उसके अच्छे कामों को दिखाते हैं, लेकिन गलतियों के बारे में
कम बात करते हैं। इससे लोगों को उस नेता के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिलती और
वे सही फैसला नहीं कर पाते।
4. कक्षा परियोजना
के रूप में समाचारों में से कोई एक शीर्षक चुनकर उस पर ध्यान केंद्रित कीजिए और
अन्य समाचारपत्रों में से उससे संबंधित विवरण छाँटिए। दूरदर्शन समाचार पर भी इस
विषय पर प्रसारित सामग्री देखिए। दो समाचारपत्रों के विवरण की तुलना करके उनमें
समानता और भिन्नता की रिपोर्ट लिखिए।
उत्तर:समाचारपत्रों की तुलना रिपोर्ट: “बिहार में बाढ़ की स्थिति”
चुना गया शीर्षक: बिहार में बाढ़ की स्थिति
समाचारपत्र 1 (दैनिक जागरण) और समाचारपत्र 2 (हिंदुस्तान) की तुलना:
(क) इस लेख में दी गई जानकारी:
दोनों अखबारों ने बताया कि
बिहार के 10 जिलों में बाढ़ आई है।
दोनों ने बताया कि कई गांव
पानी में डूब गए हैं।
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(ख) छोड़ी गई जानकारी:
दैनिक जागरण ने बाढ़ से हुई
मौतों की सही संख्या नहीं बताई।
हिंदुस्तान ने बाढ़ के
कारणों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
दोनों अखबारों ने पिछले
सालों से तुलना नहीं की।
(ग) लेख का दृष्टिकोण:
दैनिक जागरण ने सरकार के
राहत कार्यों पर ज्यादा ध्यान दिया।
हिंदुस्तान ने गांववालों की
परेशानियों को ज्यादा दिखाया।
(घ) छोड़े गए दृष्टिकोण और कारण:
दोनों अखबारों ने स्थानीय
अधिकारियों की लापरवाही पर कम ध्यान दिया, शायद इसलिए क्योंकि वे सरकार को नाराज नहीं करना चाहते।
किसी भी अखबार ने पर्यावरण
विशेषज्ञों की राय नहीं ली,
जो बाढ़ के असली कारणों को
समझा सकते थे।
दूरदर्शन की खबर में सरकारी
पक्ष को ज्यादा महत्व दिया गया, जबकि अखबारों में लोगों की परेशानियों को भी जगह मिली।
5. विज्ञापनों के
प्रकार के बारे में (अकेले, जोड़ी या समूह
में)
प्रोजेक्ट बनाएँ। कुछ उत्पादों के बारे में वाणिज्यिक
विज्ञापन एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य, सड़क सुरक्षा, जल व ऊर्जा को
बचाने की जरूरत के बारे में सामाजिक विज्ञापन बनाएँ।
उत्तर: विज्ञापनों के प्रकार पर प्रोजेक्ट
1. वाणिज्यिक विज्ञापन (उत्पादों के लिए):
(क) साबुन का विज्ञापन:
चित्र: एक बच्चा साबुन से हाथ धो रहा है, और उसके हाथों से कीटाणु दूर भाग रहे हैं।
नारा: “चमकदार त्वचा, स्वस्थ जीवन – सुरक्षा साबुन”
(ख) पेन का विज्ञापन:
चित्र: एक विद्यार्थी परीक्षा में पेन से लिख रहा है, और परीक्षा में अच्छे अंक
दिखाए गए हैं।
नारा: “सफलता की कहानी लिखें – वीनस पेन के साथ”
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2. सामाजिक विज्ञापन:
(क) सड़क सुरक्षा विज्ञापन:
चित्र: एक परिवार हेलमेट पहनकर दो–पहिया वाहन पर सफर कर रहा है।
नारा: “जीवन अनमोल है, हेलमेट पहनें, सुरक्षित रहें”
संदेश: हेलमेट पहनकर सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
(ख) जल बचाओ विज्ञापन:
चित्र: एक बूंद पानी और उसके अंदर धरती का चित्र।
नारा: “एक बूंद बचाएं, एक जीवन बचाएं”
संदेश: पानी बचाना हमारी जिम्मेदारी है। नल बंद करें, पानी का दुरुपयोग न करें।
(ग) ऊर्जा बचाओ विज्ञापन:
चित्र: एक बच्चा कमरे से बाहर जाते समय लाइट बंद कर रहा है।
नारा: “बिजली बचाएं, भविष्य बनाएं”
संदेश: जब जरूरत न हो,
बिजली के उपकरण बंद करें।
इससे पैसे और ऊर्जा दोनों बचेंगे।
इस प्रोजेक्ट में
विज्ञापनों के दो मुख्य प्रकार दिखाए गए हैं – वाणिज्यिक विज्ञापन जो उत्पाद बेचने के लिए बनाए जाते हैं, और सामाजिक विज्ञापन जो
समाज के हित के लिए जागरूकता फैलाते हैं।