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Class 10th Hindi Lesson 03 अति सूधो सनेह को मारग है (काव्यखंड)

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1. “घनआनंद जीवनदायक हौ कछ मेरियौ पीर हिएँ परसौ” में किस कवि का नाम आया है ?

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2. ‘घनानंद’ किस काल के कवि थे ।

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3 रीति मुक्त काव्यधारा के सिरमौर कवि किन्हें माना जाता है?

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4. घनानंद किसके द्वारा मारे गये ?

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5. घनानंद किस बादशाह के यहाँ मीरमुंशी का काम करते थे?

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6. घनानंद किस नर्तकी को प्यार करते थे?

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7. प्रेम की पीर’ का कवि किन्हें कहा गया है?

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8. ‘घनानंद’ किस भाषा के कवि है ?

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9. सुजानसागर’ के रचनाकार है-

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10. ‘विरहलीला’ रचित है-

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11. घनानंद का दूसरा पद किसे संबोधित है?

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12. ‘घनानंद’ अपने आँसूओं को कहाँ पहुंचाना चाहते हैं ?

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13. परहित के लिए देह धारण कौन करता है?

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14. ‘परजन्य’ का पर्याय है-

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15. ‘सरसौं’ का हिन्दी मानक शब्द है-

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16. कवि ने प्रेम मार्ग को बताया है-..

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17. घनानंद ने सुजान कहकर किसे संबोधित किया है ?

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18. ‘नेकु ‘ का आधुनिक मानक रूप है-

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19. ‘घनानंद’ ने जीवनदायक किसे कहा है?

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20. कवि.घनानंद ने किस मार्ग को सबसे सरल कहा है?..

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21. ‘घनानंद’ ने विरक्त होने पर स्थायी रूप से कहाँ निवास किया ?

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22. ‘सुजानसागर’ किसकी कृति है ?.

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23. ‘लाक्षणिक मूर्तिमत्ता और प्रयोग वैचिय’ के कवि कौन हैं?

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24. रीतिमुक्त काव्यधारा के सिरमौर कवि किसे कहा जाता है?

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25. घनानंद किससे प्रेम करते थे?

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26. कवि अपने आसुओं को कहाँ पहुँचाना चाहता है.?

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27. ‘निःस्वार्थ भाव से, निश्चल होकर’ अपने को समर्पित कर देता है किसका कथन है?

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28. घनानंद की महत्त्वपूर्ण रचना है-

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29. घनानंद की कीर्ति का आधार है-

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30. ‘मो अॅसवानिहिं लै बरसौ’ में किसकी बात कही गई है ?

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31. घनानंद के अनुसार, ‘प्रेम का मार्ग’ कैसा होता है ?

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32. कौन प्रेम कर सकते हैं ?

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33. ‘घनानन्द’ की मृत्यु कब हुई?

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